हमारे देश में एक बहुत तगड़ी कहावत चलती है। अमीर को पैसे की जरूरत हो तो पूरा देश खड़ा हो जाएगा और किसी ऐसे व्यक्ति को जरूरत हो जिसके पास skill है लेकिन उसके पास खुद के पास पैसा नहीं है तो आप लोग बस उसको सब तरह से डाउट करने लगेंगे। खैर साथियों अंबानी ने फिर से एक बार वही किया जो वो Jio के केस में किया था। Jio की ब्लैक रॉक के साथ मिलकर के MUTUAL FUND में एंट्री हो चुकी है। और म्यूच्यूल फंड में हुई इस एंट्री में जो NFO आया वो पहले ही बार में ₹17,800 करोड़ इकट्ठा कर लिया। अमेरिकी डॉलर में अगर काउंट किया जाए तो लगभग 2.1 बिलियन पैसा इस एनएफओ के अंदर मात्र 3 दिन के अंदर जुटा लिया गया। आज के सेशन में हम जिक्र कर रहे हैं इसी NFO के बारे में। साथ में
हम यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि यह एनएफओ किस तरह से भारतीय बाजार को आने वाले समय में डिसरप्ट कर सकता है या फिर भारतीय बाजार के म्यूच्यूल फंड बाजार को आने वाले समय में एक नई दिशा देकर के लोगों का भला कर सकता है।
भला मैं क्यों बोल रहा हूं? क्योंकि भारत में ऑलरेडी बहुत सारे MUTUAL FUND चल रहे हैं। बहुत सारे एएमसीस काम कर रहे हैं। बहुत सारे इंटरमीडियरीज, बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स इस बीच में Jio ब्लैक रॉक का आना और आकर के इस तरह से एक ही बार में ₹17,800 करोड़ उगा लेना यह दर्शाता है कि बाजार में कुछ तो एंट्री धमाकेदार हुई है। लेकिन क्या इस एंट्री के साथ मायने जो निकल कर आ रहे हैं, वह सही हैं। क्या हम लोगों ने केवल ब्रांड देखकर तिलक लगा दिया है कि भाई Jio ब्लैक रॉक के बारे में सब कुछ पॉजिटिव है? इनके पास अलादीन है। यह अलादीन से हमारे पैसे को बढ़िया एक्सपर्ट एडवाइस देंगे। हमारा सब भला हो जाएगा। आज के सेशन में हम इन सब बातों का जिक्र करने वाले हैं। क्योंकि अल्टीमेटली जिन्होंने भी यहां पैसे लगाए हैं वो सोच कर यही लगाए हैं कि Jio और ब्लैक रॉक में ब्लैक रॉक दुनिया की सबसे बड़ी फंड मैनेजमेंट कंपनी है। लगभग 8 ट्रिलियन नंबर्स अलग-अलग हैं। कहीं 7 से 8 ट्रिलियन डॉलर लिखा हुआ है। कहीं 9 ट्रिलियन लिखा हुआ है। भारत की जीडीपी से ज्यादा डबल के आसपास का यह लोग फंड मैनेज करते हैं। ऐसे में इन दोनों का जो टाई अप है, वह अगर हमारे FUND को मैनेज करेगा, तो पता नहीं हमारे पैसे को तो यह कहां ही ले जाएंगे। बस इसी थॉट के साथ इंडिया के लोगों ने इनको पैसा दे दिया। हमारे देश में एक बहुत तगड़ी कहावत चलती है। अमीर को पैसे की जरूरत हो तो पूरा देश खड़ा हो जाएगा और किसी ऐसे व्यक्ति को जरूरत हो जिसके पास स्किल है। लेकिन उसके पास खुद के पास पैसा नहीं है। तो आप लोग बस उसको सब तरह से डाउट करने लगेंगे। खैर, यह थोड़ा ज्यादा नकारात्मक तथ्य हो जाएगा, लेकिन आइए आज इसका संपूर्ण विश्लेषण इसी तर्ज पर करते हैं। साथियों, अंबानी ने फिर से एक बार वही किया जो वह Jio के केस में किया था।
क्या? Jio के केस में जब आए थे तो लोगों का ट्रस्ट इस बात पर कि भाई यह कर रहे हैं तो बढ़िया ही करेंगे और बढ़िया करेंगे। तो चलिए इनके द्वारा दी जा रही सर्विज को देखते हैं।
इस बार इन्होंने Jio डिजिटल लाइफ से बढ़ते हुए अब अपने आप को फाइनेंस मार्केट में ब्लैक रॉक के साथ फाइनली Lanch कर दिया है। साथ में ये लोग म्यूच्यूल फंड के अंदर आने वाले हैं। इनके हाथ में ये जो अलादीन शब्द है ये अलादीन असल में कोई चिराग-विराग नहीं है।
इस ब्लैक रॉक के एप्लीकेशन का नाम है।
यह कोई जिन्न नहीं है। उस एप्लीकेशन का नाम है ब्लैक रॉक के द्वारा दी जा रही उस सर्विस का नाम है जिसमें कि वो बहुत सारे कंप्यूटरटर्स के थ्रू आपको मार्केट के एक्सपर्ट ओपिनियंस देते हैं या FUND को मैनेज करते हैं। इस पर हमने ऑलरेडी एक सेशन किया हुआ है। आप जाकर उसे देख सकते हैं। फिलहाल के लिए अंबानी का ब्लैक रॉक के साथ मिल जाना भारतीय बाजार के लिए उस समय एक सुर्खी था। आज एक हकीकत बन चुका है। हकीकत ये कि इन लोगों ने MUTUAL FUND में पैसे के लिए NFO ओपन किया और उसमें लोगों ने विश्वास जताते हुए ₹17,800 करोड़ इन्वेस्ट कर दिए। तो हमारे दिमाग में काफी सारे प्रश्न बनते हैं। सबसे पहला प्रश्न कि ये एनएफओ होता ही क्या है? यही समझेंगे। यह जो फंड अब बना है, यह फंड कितना सेफ है? क्या इस फंड के साथ फिर से कोई खेला कर दिया गया है? ऐसा क्या कर दिया अंबानी ने जो आने वाले समय में बहुत सारी इंटरमीडियरीज के लिए या ब्रोकरेज करने वाली जो कंपनी है उनके लिए चैलेंजिंग हो जाएगा और किस तरह से वो जैसे अडानी के बारे में कहते हैं ना कि अडानी के साथ में सरकार का विश्वास जुड़ा हुआ है। इसलिए वहां पर जो भी निवेश होता है उसका सारा का सारा शेयर ऊपर चलता चला जाता है। अंबानी के साथ भी कहीं ना कहीं क्या ऐसा तो नहीं हुआ कि अंबानी के साथ ट्रस्ट जुड़ा हुआ है और ट्रस्ट जुड़ा हुआ है कि हां भाई यह तो अपने ही हैं और वो वाली जो बात है इस ट्रस्ट के चलते तो लोगों ने पैसा नहीं डाल दिया। हकीकत जाने बिना तो पैसा नहीं डाल दिया। आज हम सब चीजों का पूरा क्रिटिकल एनालिसिस करने वाले हैं। एक-एक टर्मिनोलॉजी को चलते हुए समझने वाले हैं। सबसे पहले तो यही समझने वाले हैं कि ये एनएफओ होता क्या है जिसमें ₹17,800 करोड़ जुटा दिए गए हैं। अगर आप ऑलरेडी म्यूच्यूल फंड्स करते हैं तब तो पता होगा। अगर नहीं पता है तो फिर हम एक-एक करके आपको सारी जानकारी देते हुए चलेंगे। न्यूज़ के रूप में आप इतना जान लीजिए कि हां साहब इन्होंने बढ़िया 7 जुलाई को जानकारी दी है कि हमने ₹17,800 करोड़ अपने डेब्यू में जनता से उगा लिए हैं। अच्छा जनता से उगा लिए हैं। इसको समझने के लिए मैं केवल एक टर्म पहले ही बोल देता हूं। सो दैट आप इस बात को और आगे अच्छे से समझ पाएं। हमारे देश के अंदर आप अपने पैसे को बढ़ाने के लिए जो तरीके अपनाते हैं, मैं थोड़ा सा इसको बीच में रोक करके समझा देता हूं क्योंकि मैं कई बार पहले भी समझा चुका हूं ताकि आप इस स्टोरी में ऐड हो पाएंगे। अदरवाइज फिर ऊपर से जाता रहेगा। बहुत बेसिक थॉट यह है कि आपके पास पैसा रखा है। आप चाहते हैं कि यह पैसा रखे रखे बढ़ने लगे। मैं नौकरी से पैसा कमाता हूं, लेकिन रखा हुआ पैसा भी पैसा कमाए। बस इसी थॉट के साथ इन्वेस्टमेंट की शुरुआत होती है। आप इन्वेस्टमेंट के नाम पर या तो स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते हैं, स्टॉक्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं या फिर डे में इन्वेस्ट कर सकते हैं। आप कहेंगे सर हम तो गोल्ड में भी करते हैं, ज्वेलरी में भी करते हैं। तमाम प्रकार गोल्ड में, जमीन में इन सब जगह इन्वेस्ट करते हैं। वो और ऑप्शंस हैं। मैं फिलहाल के लिए आपको सिक्योरिटीज के और मार्केट के ऑप्शंस डि डिस्कस कर रहा हूं। तो लोगों के पास जो बाजार के ऑप्शंस हैं उसमें इक्विटी और डेप्ट। इक्विटी का और आसान करते हैं। तो शेयर बाजार में और डे का मतलब है उधार में। तो दो जगह ऐसी जगह पैसे देने की सुविधाएं हम लोगों को दी जाती हैं कि या तो आप जनता को उधार दे दीजिए। उधार देकर के उसको ब्याज के रूप में वसूलते रहिए। दूसरा ऑप्शन आपको दिया जाता है कि आप अपने पैसे को किसी कंपनी के शेयर खरीदने में लगा दीजिए। शेयर का भाव बढ़ेगा। आपका पैसा बढ़ने लगेगा। अब आप कहेंगे सर मेरे पास जो पैसा है मैं इस पैसे को कौन सी कंपनी में लगाऊं मेरे पास यह जानकारी नहीं होती। मैं किसको उधार दूं उस उस व्यक्ति पर मेरी मेरे पास जानकारी नहीं होती। बस यहीं पर बिचौलियों का काम शुरू हो जाता है। वो अपना ट्रस्ट और अपना ब्रांड लेकर आपके सामने आकर खड़े हो जाते हैं और कहते हैं कि हम एक फंड हाउस के रूप में आपके सामने आ गए। आप अपना पैसा हमें दो और हमारे विवेक पर विश्वास करो। ये लोग बिचौलिए के रूप में HDFC बनकर आते हैं। कभी Axis बनकर आते हैं, कभी ICICI बनकर आते हैं। ये सभी जैसे बैंक वाले भी आपके सामने बिचौलिए बन के घूम रहे होते हैं। जैसे Axis अपनी Axis सिक्योरिटीज के नाम से एंट्री कर रही होती है। ऐसे ही मतलब बहुत सारी फर्म्स बन जाती हैं। Kotak Mahindra ये सब लोग क्या करते हैं? आपसे कहते हैं कि सर आपके बैंक अकाउंट में पैसा रखा है। आप इस पैसे को हमें दीजिए। हम इस पैसे को निवेश करते हैं। बैंक में आप रखते हैं इस पैसे को तो इस पर एफडी का परसेंटेज मिलता है। आप एफडी के परसेंटेज पर डिपेंडेंट मत रहिए। हम इसको आगे लेकर बाजार में लेकर जाते हैं और भारत का बाजार बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है। तो अगर बाजार में आज पैसा लगाया और भारत का बाजार अगर इंडेक्स फंड्स की भी बात करें या स्टॉक एक्सचेंज के जो इंडेक्सेस हैं इनको भी हम देखें तो ये भी बढ़िया मतलब 12 से 15% के आसपास एनुअल रिटर्न आपको देते जा रहे हैं। तो आप एफडी से ज्यादा बढ़िया रिटर्न तो वहां ले ही सकते हैं। आइए आपको वहां लेकर चलते हैं। बढ़िया रिटर्न लेकर के आएंगे वहां से। ठीक है? आप अपने पैसे को काम पर लगाना चाहते हैं। इसीलिए आप इन्वेस्टमेंट के नाम पर आगे बढ़ते हैं। यहां पर यह जो लोग हैं ये इंटरमीडियरीज के रूप में आपका विश्वास गेन करते हुए आपके पैसे को इन्वेस्ट करने जाते हैं। क्योंकि आपके ₹1000 को लगाने के लिए तो इनके पास समय नहीं होगा। तो हमारे जैसे ₹10,000 लोग अगर मिल जाए और वो लोग अपना ₹1000,000 अगर देने लगे तो 10,000 की चार ज़ीरो के पीछे तीन ज़ीरो और टक जाएंगी और भी चार जीरो टक जाएंगे। तो भाई 4 8 जीरो मतलब 100 करोड़ के आसपास का फंड आप इकट्ठा कर लोगे। ऐसे में इतना सारा फंड इकट्ठा हुआ। अब आप इसे निवेश करने कहीं भी जाएंगे तो ना केवल निवेशक के रूप में आपकी इज्जत बढ़ जाएगी। अपितु आपके निवेश के साथ-साथ आप बाजार को हिलाने की स्थिति में भी रहेंगे। जिस शेयर पर आप पैसा लगा देंगे वो ऊपर चढ़ने लगेगा। जिसके नीचे से निकाल लेंगे वो गिरने लगेगा। तो बाजार के साथ खेला खेलना भी शुरू हो जाता है। हालांकि ये इललीगल ट्रेड प्रैक्टिस है। लेकिन कल परसों हमने आपको जैन स्ट्रीट का मामला बताया जो फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ऐसा कर रहा था। ऐसा सेबी ये नहीं कहेगी कि म्यूच्यूल फंड हाउसेस ने इस तरह के स्टॉक्स को हिला रखा है। लेकिन सच्चाई यही है कि म्यूच्यूल फंड्स का स्टॉक्स में बड़ा रोल होता है। आगे बढ़ते हैं साहब। तो कुल मिलाकर के इक्विटी बाजार को उठाने में स्टॉक मार्केट को उठाने में म्यूचल फंड से जो पैसा आप लोगों ने मिलकर लगाया उसका रोल होता है। अब दूसरे ऑप्शन पर चलते हैं। एक तरीका है कि सर मुझे तो फिर भी डर है। ट्रेड जैसा कोई सरफेरा आ गया और ट्रंप सॉरी ट्रंप जैसा कोई सरफेरा आ गया। टेरिफ लगा दिया। बाजार धड़ाम से 85,000 से 72 73,000 पर आकर गिर गया तो मेरा तो पैसा डूब जाएगा सर और पैसा डूब जाएगा। मैं ऐसी रिस्क नहीं लेना चाहता। तो फिर सर मैं रिस्क नहीं लेना चाहता। आप थोड़ा लेस रिस्की तरीका बताइए कि वो क्या होता है? तो फिर बोले यार एक ऑप्शन और है। आप किसी को उधार दे दो। बोले सर उधार तो मैंने आज तक जितनी बार दिए हैं सब डूब ही गए। मैं कैसे विश्वास रखूं? तो बोले ऐसा करो ना जिस पर आपको विश्वास है आप तो उसको पैसे दो। वो आपको पैसेज लेकर के फिर खुद की रिसर्च से किसी को उधार देगा। आपके लिए वो मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा और मध्यस्थ बनकर किसी को उधार देकर के ब्याज जो मिलेगा वो आपकी कमाई के रूप में आपको दे देगा। बीच में दलाली खा लेगा। अच्छा ये जो उधार देने की कला है इसे डे की कला कहते हैं। है डे फंड की कला कहते हैं। आज के जमाने में बहुत सारे उद्योग घरानों को डे चाहिए होता है। मतलब उधार चाहिए होता है। सरकार को भी चाहिए होता है। सरकार गवर्नमेंट सिक्योरिटी के नाम से ट्रेजरी बिल्स के नाम से उधार मांगने आ जाती है। और बहुत सारे जो हमारे देश के अंदर उद्योग घराने हैं चाहे फिर वो अडानी अंबानी ये सब लोग जो हैं उधार मांगने के लिए भी बाजार में खड़े रहते हैं। अब जब ये उधार मांगने आते हैं तो फिर ऐसे ही म्यूच्यूल फंड हाउसेस के पास पहुंचते हैं कि यार हमें पैसे की जरूरत है। तो ये लोग फिर वहां पे दलाली खाते हैं। बोले यार देखो हम आपको पैसा दे तो देंगे। कितना परसेंट पर आप हमें रिटर्न करोगे यह बताओ। अब क्या होता है? सामने वाली पार्टी अगर मजबूत खड़ी है जैसे भारत सरकार खुद खड़ी है उधार लेने के लिए तो भारत सरकार नेगोशिएशन में एक लाइन बोल देती है कि मैं ये जो पैसा आपको आपसे ले रही हूं ये गारंटेड 7% पर रिटर्न दे दूंगी। तो म्यूच्यूल फंड हाउसेस सोचते हैं कि सरकार पैसा लेकर थोड़ी भागेगी। तो सरकार को उधार दे दो। वापस बढ़िया से मिल भी जाएगा। क्यों? सरकार पैसा लेकर इसलिए नहीं भागती और सरकार भाग गई तो सोवन डेप्ट क्राइसिस खड़ा हो जाएगा। देश ही बर्बाद हो जाएगा। फिर तो फिर श्रीलंका जैसे हालात हो जाएंगे। उसके बारे में डिस्कशन करने का मतलब भी नहीं है। दूसरा ऑप्शन क्या होता है? अब मान लो सरकार नहीं खड़ी है। सरकार की कोई कंपनी खड़ी है। मान लीजिए ओएनजीसी, एनटीपीसी भेल-घेल टाइप से ये खड़े हैं और ये कह रहे हैं कि साहब हम पैसा लेंगे और हम आपको रिटर्न देंगे। तो थोड़ा ट्रस्ट है तो सही। सरकार जितना नहीं है। थोड़ा कम है। मान लीजिए। आप कह रहे हैं कि सर हम 8% पर दे पाएंगे। आप नहीं कह रहे हैं। असल में वह बिचौलिया जिसने आपका पैसा इकट्ठा किया है ना जिसको आपने मना किया था कि मेरा पैसा इक्विटी में मत लगाना। स्टॉक में मत लगाना। यहां लगा दे उधार दे दे तो वो सरकारी कंपनियों को उधार देने के लिए निकलता है 8% का रिटर्न 9% का रिटर्न कि साहब इतना परसेंट पैसा दोगे मुझे तो क्या है ना कि ये सिक्योर रिटर्न वाली चीजें आने लगी कि यार पैसा तो इतना परसेंटेज रिटर्न के साथ आएगा ही आएगा तो जनरली ये जो डे फंड हैं जो लोग लेस रिस्की गेम में जाना चाहते हैं क्योंकि बाजार के केस में इक्विटी के केस में आपसे क्या कहा जा रहा है कि वो 12% 15% का रिटर्न तक भी दे सकता है और ना दे तो भाई साहब बाजार जैसे गिरा था वैसे उतर के नीचे भी आ सकता है डे फंड में चकि आप पहले ही सरकार से लिखित में ले चुके हो 7% दोगे तो देंगे। कंपनी से कह चुके हो 10% दोगे तो दोगे। अब लेकिन एक ऐसी कंपनी आ गई। मान लीजिए किंग फिशर आकर खड़ी हो गई माल्या की। उसने आपसे उधार मांगा। आपने कहा भाई साहब आपका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत खराब है। आपको उधार चाहिए हम नहीं दे सकते। अब माल्या कह रहा है देखो मुझे बिजनेस रिवाइवल के लिए अर्जेंट पैसा चाहिए। अगर मुझे पैसा मिल गया तो मैं बिजनेस को खड़ा कर दूंगा क्योंकि एक पेमेंट अटका पड़ा है। एक छोटे से पेमेंट के लिए मैं बैंककरप्ट नहीं होना चाहता। मैंने लाखों करोड़ रुपए की कंपनी बना रखी है। मान लीजिए करोड़ का मेरा कहीं पेमेंट अटका हुआ है। मैं 1000 करोड़ चुकाकर अपने लाख करोड़ की कंपनी बचा सकता हूं। मुझे अर्जेंट बेसिस पर पैसा चाहिए। ऐसे में आपने उसको 1000 करोड़ तो दिए लेकिन दिमाग में क्या खड़ा है कि यार कहीं फेल मार गया तो। अब आप यहां पर लेस रिस्की गेम की तरफ जाते हैं और आप उससे ज्यादा इंटरेस्ट वसूलने की बात करते हैं। भाई साहब पैसा तो दे देंगे 14% ब्याज लगेगा। अब आपके दिमाग में सवाल बनेगा कि ये सब डिसाइड कौन कर रहा होता है? तो कुछ क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज होती हैं जो ये डिसाइड कर रही होती हैं। जैसे आप में से बहुत सारे लोग फिच का नाम, मूडीज का नाम इन सबका नाम सुन रहे होते हैं या इंटरनेशनलली वो रिकॉग्नाइज्ड ब्रांड्स हैं जो ये डिक्लेअ करते हैं कि हां भाई इसको इतने में इतने में दिया जा सकता है। ये इतना रिस्की है देना इसको। इसकी रेटिंग A प्लस प्लस है। इसकी रेटिंग A प्लस प्लस है, A प्लस है, B है। तो रेटिंग दे दी जाती है। जितनी छोटी रेटिंग होती है, उतना ज्यादा इंटरेस्ट आप एक्सपेक्ट करते हो कि भाई इतने परसेंट पे देंगे। है ना? इसको और आसान करते हैं। आप जब बैंक से लोन लेने जाते हैं तो बैंक से लोन में आपके सामने ऑप्शंस होते हैं कि आप घर पर अगर लोन लेने गए तो बैंक कहती है घर के कागज गिरवी रखो लोन ले जाओ 7 8% पर दे दूंगा। लेकिन आप पर्सनल लोन लेने जाते हैं। पर्सनल लोन पर कहते हैं 14% से नीचे नहीं देंगे। क्यों? पता नहीं आप पैसा लेकर भाग गए। मेरा पैसा नहीं मिला तो मैं गारंटी में किसे रखूंगा। बोले बोले साहब मेरा सिविल स्कोर बिगाड़ देना। बोले मैं सिविल का करूं क्या? कल कल को पैसा लेकर चले गए तो क्या होगा? तो इस तरीके से सिविल स्कोर का डर उनको नहीं होता तो वो पर्सनल लोन लेकर के फरार भी हो सकते हैं। ऐसे में 14% बोले ज्यादा ब्याज पर रिस्क ज्यादा है तो ब्याज ज्यादा। ठीक है? ये हो गया डे फंड। तो अब हमारे सामने म्यूच्यूल फंड्स के इन्वेस्टमेंट के दो तरीके निकल कर आए। आइदर इक्विटी में जाएंगे या डे में जाएंगे। ये बहुत बेसिक बात है। मतलब अगर आप म्यूच्यूल फंड इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं या म्यूच्यूल फंड में थोड़ा भी इंटरेस्ट रखते हैं तो ये दो बेसिक कांसेप्ट आपको एनी डे पता होने चाहिए। इक्विटी एंड डे। अब इसमें से किसको कहां निवेश करना चाहिए? इक्विटी कितना किसके लिए सही है? डेप्ट किसके लिए सही है? मॉडरेट प्लान क्या है? एग्रेसिव प्लान क्या है? ये सब बातें आप और ज्यादा ज्यादा जैसे म्यूच्यूल फंड्स में बढ़ते जाते हैं, आपको पता चलती चली जाती हैं। ठीक है? हमने इसके ऊपर एक प्रॉपर कोर्स भी बनाया हुआ है म्यूच्यूल फंड के ऊपर। अब चकि मैं एनआईएसएम सर्टिफाइड म्यूच्यूल फंड का आपको जानकारी देने के लिए व्यक्ति हूं। तो मैं आपके सामने ये बातें अधिकृत रूप से बोल भी पा रहा हूं। मैंने वो परीक्षा पास कर ली जिसके माध्यम से मैं यह जानकारी देने के लिए अधिकृत भी हूं। चलिए अब सवाल ये आता है साहब कि ये जो जानकारी हमने आपके साथ साझा की अब इस जानकारी में मैंने किसी को डे फंड के लिए कह दिया कि सर मेरे को तो यह परसेंटेज वाला जो मामला है ना यह ज्यादा सही लगा क्योंकि मुझे डर लगता है बाजार से कहीं ऐसा ना हो कि बाजार फट जाए और मेरा पैसा चला जाए। इसी जगह एंट्री होती है डे फंड की और लोग डे फंड में निवेश करने घुस जाते हैं। आज जो हम जानकारी आपको देने जा रहे हैं Jio ब्लैक रॉक के मामले में वो जानकारी असल में डे फंड की ही जानकारी है। आज Jio ब्लैक रॉक जो इन्वेस्टमेंट आप सब से उठाई है ₹17,800 करोड़ वो असल में डे फंड में पैसा मांगी है आपसे कि यह पैसा आप मुझे दो। मैं इसे उधार में लोगों को बांटूंगी और इस पैसे से जो ब्याज मिलेगा वह ब्याज आपके पैसे को बढ़ा देगा। तो उम्मीद है कि आपको इस न्यूज़ का जो फर्स्ट हाफ है वह क्लियर हुआ हो कि यह जो ₹17,800 करोड़ जनता से इन्होंने उगाए हैं यह इसे इक्विटी में लगाने वाले हैं या डे में लगाने वाले हैं? डे में लगाने वाले हैं। डे से मतलब डे से मतलब कि यह पैसा अब ब्याज पर दिया जाएगा। किसको दिया जाएगा? यू नेवर नो। अगर यह पैसा किसी ऐसे व्यक्ति को खुद को ही दे लिया तो हैं। मतलब मुझको ही मेरा अर्पण अगर हो गया तो ऐसे को आप कह नहीं सकते कि साहब हो सकता है Jio फाइनेंसियल सर्विज अलग कंपनी है। उसने Jio के एक अलग ब्रांड को इतना पैसा दिया या फिर चाचा जी को पैसा दे दिया कि लीजिए साहब अपना Reliance Infra उठा दीजिए या फिर आप Reliance कॉम उठा लीजिए। अब वो नहीं पता है। ठीक है? तो यहां तक तो उम्मीद है आपको बात समझ में आ गई होंगी। अब सवाल ये है कि जब ये फंड ल्च होता है तो इस फंड को ल्च करने की विधा क्या है? विधा है एनएफओ। एनएफओ का मतलब क्या हुआ? न्यू फंड ऑफर कि हां भाई हम कुछ ऐसा लेने जा रहे हैं दुनिया वालों हम ऐसा कुछ फंड बनाने जा रहे हैं कि यदि आप चाहें तो हमें पैसा दें। हम इस पैसे को आगे देंगे। हमारे देश में फाइनेंसियल लिटरेसी इतनी कम है कि लोगों को यह नहीं पता है कि यह पैसे का होगा क्या? उन्हें बस ये पता है कि Jio और ब्लैक रॉक मिलकर के म्यूच्यूल फंड बनाकर लाए हैं। बस इतना ही जानना है हमें। नाम काफी है। हम केवल नाम पर दाम देने को तैयार हैं। हमें आगे नहीं पता ये पैसा कहां जाने वाला है। बस हमने किस नाम पर दे दिया। ओहो ब्लैक रॉक है। ओहो अलादीन है। वाह वाह वाह मजा आ जाएगा। क्यों? क्योंकि इतने दिन से माहौल यही तो बन रहा है कि साहब अब परमिशन मिल गई है। अब ये लोग आगे एंट्री करने वाले हैं। अब इन्होंने 150 मिलियन डॉलर डाल दिया है। अब इन्होंने कंपनी को चढ़ाने के लिए सारे काम कर दिए हैं। अब ये लोग वेल्थ मैनेजमेंट में एंट्री कर रहे हैं। इतने दिन से जो सुर्खियां मार्केट में चल रही हैं Jio ब्लैक रॉक Jio ब्लैक रॉक उससे मोमेंटम ऐसा बना दिया गया कि ये लोग उतरेंगे तो ना जाने बस आसमान में तारे सीधे हाथ मिला के दे देंगे कि ये पकड़िए दे दिया हमने आपको। ठीक है? तो Jio ब्लैक रॉक ने जितना तरीके से जो जो खबरें रही उनको बाजार में भर-भर के परोसा और हम जैसों का भी उसमें योगदान है। हमने आपको अपडेट दिए। अपडेट दिए कि साहब इनके पास अलादीन है। अब तो यह पैसे बढ़ा देंगे। ब्लैक रॉक वो कंपनी है जो इतना ट्रिलियन मैनेज करती है। अब तो आपका पैसा बढ़ ही जाएगा। ऐसे में Jio ने भी अपनी बातें कर दी कि साहब आपका पैसा बढ़ जाएगा। चलो साहब तो आप पहुंच गए। एनएफओ आया। आपको एनएफओ लाया गया यह कहते हुए कि आपके पास पैसा है। बोले हां भर-भर के पैसा है। तो आइए हम आपका पैसा लगाते हैं। कहां लगाएंगे? Jio ब्लैक रॉक लिक्विड फंड में पैसा लगाएंगे। अब हमारे देश को नहीं पता कि यह लिक्विड फंड क्या होता है। आप कहेंगे सर आप क्या बात कर रहे हैं। भाई साहब लगभग 67,000 लोगों ने पैसा लगा दिया इसमें। 67,000 लोगों ने पैसा लगा दिया और अगर 67,000 लोगों ने 17,000 करोड़ तक पहुंचाया तो ठीक-ठाक ही पैसा लगाया होगा। ऐसे में जो पैसा लगाने वाले लोग हैं उनसे अगर पूछा जाए कि आप क्या चीज देखें? यह ऊपर देखें कि नीचे देखें। बोले सर हम तो बस ऊपर देख के ही बढ़िया क्योंकि इतने दिन से आप कह रहे हो कि ये आएगा तो माहौल हो जाएगा। माहौल हो जाएगा हो गया। तो आइए अब जान भी लेते हैं कि क्या है ये चीज जहां पर पैसा लगाया गया है। पहले तो यही जान लेते हैं कि ये एनएफओ होता क्या है जिसके बारे में ये सब बातें कही जा रही हैं। एक-एक करके सारी बातें बताता चलता हूं। एनएफओ का मतलब है कि मैं आपसे फंड उगाने के लिए पहले आपको एक जानकारी देता हूं कि सुनो भाई मैं आपसे एक ऐसा पैसा इकट्ठा कर रहा हूं जिसे इस विशेष प्रयोजन में लगाऊंगा। अगर आप आते हैं तो आपका पैसा आज की आज में मैं एक मतलब आपको एक यूनिट ₹10 में पकड़ा करके आपको यूनिट गेम समझाने के लिए आप ऐसे समझ सकते हैं। मान लीजिए कि मैंने अपने एक बास्केट में बहुत सारे छोटे-छोटे से स्टीकर्स टाक रखे हैं और उनकी एक संख्या मैंने निर्धारित कर दी कि लीजिए 10,000 स्टीकर हैं मेरे पास और मैं अब आपसे कह रहा हूं कि एक स्टीकर दूंगा आपको ₹100 में या एक स्टीकर दूंगा आपको ₹10 में। आइए और अभी इन स्टीकर्स को ले जाइए। आज ही मालिक बन जाइएगा। एनएफओ के अंदर आपके पास भी एक हिस्सेदारी है। लोगों को यह पता होना चाहिए। एनएफओ को प्रमोट ऐसे कर दिया जाता है जैसे कोई आईपीओ आ रहा हो। आपको फील यह दिला दी जाती है कि अगर यह छूट गया तो पता नहीं क्या हो जाएगा। वास्तविकता में उसकी एनएवी में बहुत ज्यादा परिवर्तन जो आपको शुरुआत में ₹10 में दिया जाता है कि ₹10 के अंदर आपको पर यूनिट मिल रहा है। दिखाया जाता है कि आपको ₹10 में ये चीज मिल रही है। बाद में भी पैसा वैसे ही चल रहा होता है। आईपीओ वाला हिसाब नहीं है कि साहब जैसे ही मार्केट में लिस्ट होगा तो भाव बढ़ने लगेगा। यह मार्केट में लिस्ट होने वाली चीज नहीं है। लेकिन हां हम नया काम करने जा रहे हैं तो आइए जनता जनार्दन के लोगों आओ और हमें पैसा दो और हम आपका पैसा बढ़ाने जा रहे हैं। हम बढ़ाने जा रहे हैं तो जल्दी से ले आओ पैसा ले आओ, पैसा ले आओ। तो ये जो उगाने का तरीका है बस इसी को एनएफओ कहते हैं। आसान भाषा में इतना सा ही समझ लीजिए। ठीक है? आसान कर दूं। आज हमारे देश में जैसे ये Zerodha, jेल वन ये तमाम मोतीलाल ओसवाल जैसी जो तमाम कंपनियां चल रही हैं जो म्यूच्यूल फंड्स में भी इन्वेस्ट कराती हैं। ट्रेड्स भी करवाती हैं। एक तरीके से Jio ने खुद ने वो काम खुद के पास ले लिया कि भाई सुनो फंड में पैसा लगा रहे हो वो बात अलग है। लेकिन ये जो इंटरमीडियरी के रूप में हम जो आपका पैसा वहां लगवाते हैं वो काम भी हम ही करेंगे। इसी चीज के लिए ब्लैक रॉक Jio के पास आया था। Jio के पास लगभग 45 करोड़ भारतीय सब्सक्राइबर्स हैं। पांच मतलब 50 लाख उसमें से एक्टिव फाइनेंसियल सर्विज वाले हैं। उन लोगों को अगर ये सर्विस बेच दी जाएंगी तो वो सीधे की सीधे इन्वेस्टर बन के आ जाएंगे। ब्लैक रॉक यही चाहता था। ठीक है साहब। तो उम्मीद है कि आपको मैंने ये सारी बातें बता दी कि ये क्या कहानी हुई है। तो क्या हम इसे रिस्की माने? रिस्की नहीं 90 दिन के लिए है। तो ऐसा भी नहीं है कि आप रातोंरात करोड़पति हो जाएंगे। मतलब सर हमने आज पैसा लगाया था। बाजार 90,000 पार कर गया, 1 लाख पार कर गया। अब तो चांदी ही चांदी होगी। नहीं भाई, वो कर्जे में दिया गया पैसा है। चांदी नहीं होगी। हां, घर में रखा हुआ पैसा था, वह थोड़ा बढ़ के हो सकता है आपको मिल जाए। लेकिन 90 दिन में कितना मिल जाएगा, यह सोचने वाली बात आपके पास होनी चाहिए। ठीक है? फिलहाल के लिए इतना ही। थैंक यू सो मच।