विराम चिन्ह यूपी दरोगा परीक्षा के लिए : viram chinh for upsi exams 2025

 


विराम चिन्ह का अर्थ -

विराम चिन्ह का अर्थ है रुकना या ठहराव । जिस तरह हम काम करते हुए कभी कभी रुक जाते हैं और बाद में काम करने लगते हैं। उसे ही हम विराम कहते हैं । उसी तरह लेखन में भी हमें विराम की आवश्यकता होती है 

श्री कामता प्रसाद गुरु जी - 

गुरु जी इन विराम चिन्हों को अंग्रेजी से लिया हुआ मानते हैं उनका कहना है पूर्ण विराम को छोड़ कर शेष विराम चिन्ह को अंग्रेजी से लिया हुआ मानते हैं । 

परिभाषा :

भाषा के लिखित रूप को सरल, सहज, रोचक, और स्पष्ट बनाने के लिए हम जिन चिन्हों का प्रयोग करते हैं उन्हें ही हम विराम चिन्ह कहते हैं जैसे- श्यामा, कामिनी, कौशल्यावंदना, बगैरह। 

                        विराम चिन्हों के भेद

 श्री कामता प्रसाद गुरु ने विराम चिन्हों की संख्या 20 बताई है। जो इस प्रकार हैं-  

1. अल्प विराम (Comma) की परिभाषा

भाषा को पढ़ने या बोलने जो थोड़ी देर का ठहराव आता है, उस जगह अल्प विराम का प्रयोग होता है। 

अल्प विराम लगाने के नियम -

1. जहां एक ही व्याकरणिक कोटि के कई शब्द आयें और उनके बीच में ( और, व इत्यादि  ) न हों 
          जैसे - अंकित, रंकित और सुरेन्द्र दौड़ रहे हैं । 
2. जहां दो से अधिक वाक्यांश आयें पर उनके बीच ( और, व ) न हो - 
          जैसे - राम घर आया, थोड़ी देर रुका और चला गया। 
3. किन्तु, परंतु, पर, लेकिन, मगर, भी, आदि अवयवों से पहले अल्प विराम लगता है। 
           जैसे- मैं चलता, मगर मेरी तबीयत खराब है। 
                   हम स्टेशन पहुँच तो गए, किन्तु ट्रेन जा चुकी थी
4. समान शब्दों के मध्य में अल्प विराम का प्रयोग होता है 
            जैसे -  देश के प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कूटनीतिक रूप से परास्त किया । 
5. ऐसे वाक्य खंडों के बाद भी अल्प विराम लगता है, जिसके बाद लगने वाले तो, तब, वह, आदि का लोप हो । 
          जैसे- आना है, जल्दी आओ ( इस वाक्य में तो का लोप हुआ है )
                   वह आएगा, काम होगा। ( इस वाक्य में तब का लोप हुआ है )
6. हाँ, नहीं, अच्छा तथा सम्बोधन कारक के बाद भी अल्प विराम लगता है। 
         जैसे- हाँ, कल सवेरे आ जाना। 
                 अच्छा, तुम जल्दी आ जाइओ । 
                 माँ, मेरा कल्याण करो ।  
                 मोहन, कक्षा के अंदर आओ । 
7. उप वाक्यों के पूर्व और पश्चात भी अल्प विराम लगता है। 
         जैसे - मोहन, जो बड़ा अच्छा खिलाड़ी है, कल  उसकी टॉंग टूट गई । 
8. वाक्य में जब एक प्रकार की संज्ञाएँ आयें तो उसकी बीच अल्प विराम लगता है।
         जैसे- श्यामा, कामिनी, कौशल्या, वन्दना वगैरह   
9. छंदों में एक चरण की समाप्ति पर अल्प विराम चिन्ह लगता है । 
         जैसे - रहिमन निज मन की व्यथा, मन ही राखो गोय । 
                   सुनि इठलैहैं लोग सब, बाँटि न लेहैं कोय ।।